Friday, September 20"खबर जो असर करे"

चीन बीआरआई पर नेपाल से फिर खाली हाथ लौटा

काठमां । आखिरकार चीन को उसकी महत्वाकांक्षी परियोजना बेल्ट एंड रोड इनिसिएटिव (बीआरआई) पर नेपाल से फिर खाली हाथ लौटना पड़ा। दरअसल नेपाल ने इस परियोजना के कार्यान्वयन समझौते में दो शर्तें जोड़कर चीन को तगड़ा झटका दिया है।

नेपाल में तीन दिन बिताने के बाद चीन के उप विदेशमंत्री सुन वेईदोंग बीजिंग पहुंच गए। वह समझौते पर नेपाल के हस्ताक्षर कराने में विफल रहे। नेपाल ने मई 2017 में इस परियोजना पर हस्ताक्षर किए थे। तब से अब तक बीआरआई का एक भी काम आगे नहीं बढ़ पाया है। चीन इसके लिए नेपाल पर लगातार दबाब बना रहा था।

चीन के उप विदेशमंत्री सुन वेईदोंग ने काठमांडू में नेपाल के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और विदेशमंत्री से भी मुलाकात की। इस दौरान नेपाल ने अपने रुख में कोई नरमी नहीं दिखाई। नेपाल के विदेशमंत्री नारायणकाजी श्रेष्ठ ने कहा कि नेपाल चीन के सामने दो शर्त रखी हैं। पहली-बीआरआई का कोई भी बड़ा ऋण नेपाल नहीं लेगा। सिर्फ छोटे प्रोजेक्ट के लिए ही आर्थिक सहयोग लेगा। दूसरी शर्त- ऋण की ब्याज दर 0.5 प्रतिशत से अधिक न हो। कर्ज चुकाने की अवधि 15 वर्ष से बढ़ाकर 25 वर्ष की जाए। (हि.स.)