शर्म अल-शेख (मिस्र) । मिस्र के शर्म अल-शेख में आयोजित कॉप-27 में ‘इंडिया पवेलियन’ का उद्घाटन केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने रविवार को किया। प्रेस को जारी विज्ञप्ति के अनुसार कॉप-27 सम्मेलन 6 से 18 नवंबर तक के लिए निर्धारित है।
‘इंडिया पवेलियन’ में सभी देशों के प्रतिनिधियों का स्वागत करते हुए यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जटिल जलवायु परिवर्तन की समस्या का सरल समाधान प्रदान किया है।
उन्होंने कहा कि भारत का मानना है कि जलवायु परिवर्तन को रोकने के लिए कार्रवाई जमीनी स्तर से शुरू होती है, इसलिए उन्होंने ‘लाइफ’ की थीम के साथ इंडिया पवेलियन को डिजाइन किया। इस अवसर पर जलवायु परिवर्तन को रोकने की दिशा में काम करने वाले भारत के स्कॉलर्स को सम्मानित भी किया गया।
मिस्र के समुद्र तटीय शहर शर्म अल-शेख में जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए चर्चा के वास्ते दुनियाभर से प्रतिनिधि रविवार को एकत्र हुए। यह बैठक ऐसे समय हो रही है, जब दुनिया कई अन्य संकटों से जूझ रही है। इनमें यूक्रेन युद्ध, महंगाई, भोजन और उर्जा शामिल हैं।
पृथ्वी के गर्म होने से बढ़ रहा जलस्तर
विश्व मौसम विज्ञान संगठन (डब्लूएमओ) ने रविवार को आगाह किया कि पृथ्वी पर गर्मी और समुद्री जलस्तर में वृद्धि बदतर रूप अख्तियार करती जा रही है और ऐसा पहले की तुलना में काफी अधिक तेजी से हो रहा है।
दुनियाभर के नेता मिस्र के शर्म अल-शेख में आयोजित अंतरराष्ट्रीय जलवायु वार्ता के लिए जुटने लगे हैं, जिसके बीच संगठन ने यह चेतावनी दी है।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने कहा कि ताजा वैश्विक जलवायु स्थिति रिपोर्ट जलवायु अव्यवस्था का लेखा-जोखा है। हमें महत्वाकांक्षी और विश्वसनीय जलवायु कार्रवाई के जरिए इस संकट का हल निकालना चाहिए।
संयुक्त राष्ट्र की मौसम एजेंसी डब्ल्यूएमओ ने अपनी वार्षिक जलवायु स्थिति रिपोर्ट में कहा है कि 1990 के दशक की तुलना में पिछले एक दशक में समुद्री स्तर में दोगुनी वृद्धि हुई है और जनवरी 2020 के बाद से इसमें और इजाफा हुआ है। उन्होंने कहा कि पृथ्वी पर गर्मी और समुद्री जलस्तर में वृद्धि बदतर रूप अख्तियार करती जा रही है और ऐसा पहले की तुलना में काफी अधिक तेजी से हो रहा है। (हि.स.)