उज्जैन। ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर से कार्तिक मास में भगवान महाकाल की पहली सवारी आज निकलेगी। भगवान महाकाल रजत पालकी में सवार होकर मोक्षदायिनी शिप्रा के रामघाट तट पर जाएंगे। इस बार कार्तिक- अगहन मास में भगवान महाकाल की पांच सवारियां निकलेंगी।
सोमवार को शाही ठाठ-बाट के साथ सभा मंडप में के पूजन पश्चात भगवान महाकाल की सवारी शाम चार बजे शिप्रा तट की ओर रवाना होगी। कोट मोहल्ला, गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार, कहारवाड़ी होते हुए शाम करीब 5 बजे भगवान की पालकी शिप्रा तट पहुंचेगी। यहां पुजारी शिप्रा के जल से भगवान महाकाल के मनमहेश रूप का अभिषेक पूजन करेंगे। पूजन पश्चात सवारी राणौजी की छत्री घाट के रास्ते शिप्रा नदी पर बने छोटे पुल के पास से गणगौर दरवाजा होते हुए नगर प्रवेश करेगी। इसके बाद मोढ़ की धर्मशाला, कार्तिक चौक, ढाबा रोड, टंकी चौराहा, छत्री चौक, गोपाल मंदिर, गुदरी चौराहा होते हुए शाम करीब 6.30 बजे पुन: मंदिर पहुंचेगी।
कब-कब निकलेगी भगवान महाकाल की सवारी
– 6 नवंबर को रात 11 बजे हरि-हर मिलन की सवारी
– 7 नवंबर कार्तिक मास की दूसरी सवारी।
– 14 नवंबर अगहन मास की पहली सवारी।
– 21 नवंबर कार्तिक-अगहन मास की आखिरी सवारी।