मुंबई । बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौत हिमाचल प्रदेश के मंडी से सांसद बनने के बाद लगातार चर्चा में हैं। जब तक कंगना पॉलिटिक्स में नहीं आईं थी तब तक वो कहती थीं कि उन्हें पॉलिटिक्स में नहीं आना है। अब एक पॉडकास्ट में कंगना ने अपने पॉलिटिक्ल करियर को लेकर चर्चा की है। साथ ही, उन्होंने उस घटना का भी जिक्र किया है जब मुंबई में बीएमसी द्वारा उनके घर का एक हिस्सा तोड़ दिया गया था। उन्होंने साफ किया है कि वो उस घटना की वजह से पॉलिटिक्स में नहीं आईं हैं।
साल 2020 की घटना को किया याद
कंगना रनौत ने साफ किया कि राजनीति में उनकी एंट्री साल 2020 में हुई उस घटना का डायरेक्ट रिजल्ट नहीं है। साल 2020 में जब मुंबई में सुशांत सिंह राजपूत की मौत की जांच चल रही थी, उस वक्त कंगना रनौत और शिवसेना के बीच तनाव था। उसी दौरान कंगना के घर के एक हिस्से को बीएमसी द्वारा तोड़ा गया था। बीएमसी का कहना था कि घर का वो हिस्सा अवैध तरीके से बना हुआ था।
‘निगेटिविटि मेरी ऊर्जा ले लेती है’
कंगना ने कहा, हर किसी की सोच के उलट, जीवन में कुछ भी नया करने का मेरा विचार किसी के प्रति कड़वाहट से नहीं आता। उन्होंने कहा निगेटिविटी मेरी ऊर्जा ले लेती है। इसी के साथ, उन्होंने कहा कि वो अपने उस बयान पर आज भी कायम हैं जहां उन्होंने कहा था कि अमिताभ बच्चन के बाद अगर किसी को सबसे ज्यादा सम्मान मिलता है तो उन्हें मिलता है।
मुझे वो पर्सनल अटैक लगा था
वहीं, साल 2020 की घटना का जिक्र करते हुए कंगना ने कहा, “मुझे काफी अपमानित महसूस हुआ। ऐसा लगा था कि मेरे ऊपर हिंसा की गई। मेरे घर को हिंसक रूप से तोड़ दिया गया था। उस वक्त मुझे ये पर्सनल अटैक लगा था। उन्होंने कहा कि उस वक्त मुझे बहुत लोगों का सपोर्ट मिला था। लोगों ने कहा था कि मैं साहसिक हूं। देश ने मेरा सपोर्ट किया था।