गाजे-बाजे सहित कदम-कदम पर मुनि संघ का हुआ पग प्रक्षालन
अनूपपुर, 16 जुलाई (एजेंसी)। दिगंबर जैन समाज के सर्वोच्च संत आचार्य भगवंत श्री 108 विद्यासागर महामुनिराज के परम शिष्य निर्यापक मुनि श्री 108 प्रशांत सागर जी मुनिराज, मुनि श्री 108 निर्वेग सागर जी मुनिराज, मुनि श्री 108 शीतल सागर जी मुनिराज, एलक श्री 105 निजानंद सागर जी महाराज का धर्म नगरी कोतमा नगर में शुक्रवार को दोपहर में आगमन हुआ। मुनिश्री का सासंघ चातुर्मास कोतमा में श्री 1008 पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर में होगा। इस दौरान बड़ी संख्या में जैन समाज के लोग मौजूद रहे।
सासंघ 4 मुनिराजों का कोतमा नगर में मंगल प्रवेश मंगल भवन ठाकुरबाबा धाम से गाजे बाजे के साथ जैन समाज के अलावा नगर के अनेक राजनीतिक दलों के नेतागण, जनप्रतिनिधि सहित समाज के श्रद्धालुओं ने गुरुवरों की अगवानी कर जुलूस के रूप में नगर प्रवेश कराया। नगर में प्रवेश की जहां जगह-जगह मुनिजनों का पग प्रक्षालन किया गया।
नगर में मुनि संघ के आगमन पर विशेष रूप से कोतमा को सजाया गया था। गुरु आज्ञा से निकले 4 मुनिराज चातुर्मास सम्पन्न कराने कोतमा की पावन धरा पर पधारे। नगर में पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर पर संघ का प्रवास रहेगा। मुनिश्री 108 प्रशांत सागर मुनिराज,मुनि श्री 108 निर्वेग सागर मुनिराज, मुनि श्री 108 शीतल सागर मुनिराज, एलक श्री 105 निजानंद सागर महाराज ससंघ 4 मुनिराजों का भव्य नगर आगमन हुआ। आगवानी में नृत्य करते हुए भक्ति से भरे युवा जय गुरूदेव के जयकारों से संपूर्ण मार्ग को गुंजायमान कर रहे थे। मुनि जिन जिन मार्गो से निकल रहे थे उस मार्ग पर गुरुभक्तों का जन सैलाब उमड़ा पड़ा। मुनियों का जगह जगह पग प्रक्षालन कर जैन समाज के श्रद्धालुओ ने भव्य स्वागत किया। इस दौरान जैन धर्म ध्वजा लेकर लोग चल रहे थे, वहीं युवा नृत्य करते हुए चल रहे थे। मुनि संघ कोतमा स्थित पार्श्वनाथ मंदिर पहुंचे जहां भक्तों ने गुरुवरो के पग प्रक्षालन कर प्रणाम किया उन्होंने भक्तों को आशीर्वाद दिया।