Friday, September 20"खबर जो असर करे"

हिन्दी भाषा में मेडिकल शिक्षा का शुभारंभ शिक्षा के क्षेत्र में पुनर्निर्माण का दिनः अमित शाह

भोपाल । केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि आज का दिन शिक्षा के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों से लिखा जाएगा। हिन्दी भाषा में मेडिकल शिक्षा का शुभारंभ, शिक्षा के क्षेत्र में पुनर्निर्माण का दिन है। इसके लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बधाई के पात्र हैं। मध्यप्रदेश में 6 माह बाद इंजीनियरिंग एवं पॉलिटेक्निक की शिक्षा भी हिन्दी में प्रारंभ की जाएगी, साथ ही हिन्दी भाषा में अनुसंधान की व्यवस्था भी की जाएगी।

 

केन्द्रीय मंत्री शाह रविवार को भोपाल में आयोजित हिदी में ज्ञान का प्रकाश कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने रिमोट का बटन दबाकर हिन्दी भाषा में एबीबीएस प्रथम वर्ष की पुस्तकों एवं हिन्दी की प्रतिस्थापना के नवीन प्रकल्प का शुभारंभ किया। उन्होंने मेडिकल बायोकेमेस्ट्री, मेडिकल फिजियोलॉजी तथा एनाटॉमी की हिन्दी पुस्तकों का विमोचन किया। शाह ने कहा कि स्वभाषा के विकास एवं उपयोग से भारत अनुसंधान के क्षेत्र में विश्व में बहुत आगे जाएगा। प्रधानमंत्री मोदी वैश्विक मंचों पर हिन्दी में बोलते हैं। शिक्षा नीति में प्राथमिक, तकनीकी और मेडिकल एजुकेशन में हिन्दी और अन्य भारतीय भाषाओं को प्राथमिकता दी जा रही है। मध्यप्रदेश में आज मुख्यमंत्री चौहान ने मेडिकल की पढ़ाई हिंदी में प्रारंभ कर प्रधानमंत्री मोदी के इस संकल्प को पूरा किया है। इस कार्य के लिए मुख्यमंत्री चौहान, चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग सहित पूरी टीम और प्रदेश की जनता बधाई के पात्र हैं।

 

शाह ने कहा कि बच्चे की सोचने की प्रक्रिया उसकी मातृभाषा में होती है। मातृभाषा की बात दिल तक जाती है जबकि अन्य भाषा की बात दिमाग तक। सोचने के साथ ही संशोधन, अनुसंधान, तर्क, विश्लेषण एवं निर्णय पर पहुंचने की प्रक्रिया मातृभाषा में होती है। बच्चों की पढ़ाई-लिखाई एवं अनुसंधान मातृभाषा में होने से भारत के विद्यार्थियों का डंका पूरे विश्व में बजेगा।

 

मेडिकल, इंजीनियरिंग की पढ़ाई हिन्दी में होना शिक्षा जगत में नया प्रकाशः शिवराज

 

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि आज का दिन ऐतिहासिक है। प्रधानमंत्री मोदी की प्रेरणा से गृह मंत्री शाह एक नया सवेरा लेकर आये हैं। मेडिकल, इंजीनियरिंग आदि विषयों की पढ़ाई हिन्दी में होना शिक्षा जगत में नया प्रकाश होगा। यह अंग्रेजी की गुलामी से मुक्ति का दिन है। यह कार्य आजादी के बाद ही हो जाना था, जो अब प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में हो रहा है। उन्होंने कहा कि हमारे बहुत से विद्यार्थी पढ़ाई करने मेडिकल एवं इंजीनियरिंग कॉलेज में पहुंच तो जाते थे, पर अंग्रेजी भाषा के कारण वे ढंग से पढ़ाई नहीं कर पाते थे। कुछ लोग तो पढ़ाई बीच में ही छोड़ देते थे। हमारे बहुत से पिछड़े, दलित, गरीब विद्यार्थी भाषा को लेकर हीन भावना से ग्रस्त हो जाते थे। अब वे हिन्दी भाषा में पढ़ाई कर अपनी क्षमता का पूरा विकास कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने भारत के मानस को बदल दिया है। अंग्रेजी भाषा की गुलामी से मुक्ति मिली है। जो बच्चे हिन्दी में पढ़ाई करेंगे, उनकी मेरिट लिस्ट भी अलग बनाई जाएगी।

 

आईआईटी और आईआईएम की पढ़ाई भी अब हिन्दी में

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि अब डॉक्टर हिन्दी में पर्चे लिख सकेंगे। वे पर्चे पर आरएक्स के स्थान पर श्रीहरि लिख सकते हैं। यह एक नये युग की शुरुआत है। आज का दिन प्रदेश के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा। प्रदेश में आगामी 6 माह में इंजीनियरिंग और पॉलिटेक्निक की पढ़ाई भी हिन्दी में प्रारंभ होगी। आईआईटी और आईआईएम की पढ़ाई भी हिन्दी में करवाएंगे। कार्यक्रम को चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने भी संबोधित किया। राज्यस्तरीय इस कार्यक्रम में प्रदेश के सभी जिले, सभी चिकित्सा महाविद्यालय तथा शिक्षण संस्थाएं वर्चुअली सम्मिलित हुईं। मेडिकल में हिन्दी पाठ्यक्रम के विकासक्रम पर लघु फिल्म का प्रदर्शन भी किया गया। एजेंसी/हि.स