Friday, November 22"खबर जो असर करे"

शहीद कैप्टन अंशुमान को मरणोपरांत कीर्ति चक्र

नई दिल्‍ली। मरणोपरांत कीर्ति चक्र से सम्मानित किये जाने वालों में पैराशूट रेजिमेंट की नौवीं बटालियन (विशेष बल) के हवलदार अब्दुल माजिद, पंजाब रेजिमेंट (आर्मी मेडिकल कोर) की 26वीं बटालियन के कैप्टन अंशुमान सिंह, राष्ट्रीय राइफल्स की 55वीं बटालियन के सिपाही पवन कुमार शामिल हैं।

हवलदार अब्दुल माजिद पिछले साल 22 नवंबर को राजौरी सेक्टर के जंगली इलाकों में सर्च आपरेशन में तैनात थे। इस दौरान उनका सामना आतंकियों से हुआ। उन्होंने सबसे पहले 63 राष्ट्रीय राइफल्स के घायल कैप्टन एमवी प्रांजल को बाहर निकालने में मदद की। इसके बाद उन्होंने गुफा के पास पोजीशन ले ली, जहां आतंकी छिपे थे।

आतंकियों की गोलीबारी में घायल होने के बावजूद उन्होंने छिपे हुए आतंकी को बाहर लाने के लिए ग्रेनेड फेंका। अपनी टीम के लिए खतरे को भांपते हुए वह आतंकी की ओर बढ़े और उसे मार डाला। लेकिन आतंकी से बहादुरी से लड़ते हुए घायल होने के कारण वह वीरगति को प्राप्त हुए। उन्हें मरणोपरांत कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया है।

कैप्टन अंशुमान सिंह सियाचिन ग्लेशियर क्षेत्र में चिकित्सा अधिकारी के रूप में तैनात थे। 19 जुलाई, 2023 को जब उन्होंने देखा कि एक झोपड़ी में आग लगी थी तो उन्होंने अपनी जान की परवाह न करते हुए चार- पांच लोगों को बचाया। इस दौरान वो बलिदान हो गए। उन्हें मरणोपरांत कीर्ति चक्र से सम्मानित किया जाएगा।

हवलदार पवन कुमार 27 फरवरी, 2023 को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में एक अभियान में शामिल थे। इस दौरान उन्होंने एक आतंकी को मार गिराया और एक अन्य आतंकी को घायल कर दिया। उन्हें असाधारण वीरता के लिए मरणोपरांत कीर्ति चक्र से सम्मानित किए जाने की घोषणा की गई है।

बलिदानी कैप्टन एमवी प्रांजल को मरणोपरांत शौर्य चक्र
63 राष्ट्रीय राइफल्स सिग्नल कोर के कैप्टन एमवी प्रांजल निगरानी टीम का नेतृत्व कर रहे थे, जब राजौरी जिले में उनका सामना दो आतंकियों से हुआ। आतंकियों की गोलीबारी के बीच उन्होंने वहां मौजूद महिलाओं और बच्चों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। उन्होंने आतंकियों से मुकाबला किया। घायल होने के कारण उन्होंने वीरगति प्राप्त की। उन्हें मरणोपरांत शौर्य चक्र से सम्मानित किया जाएगा।