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रामगोपाल वर्मा को गिरफ्तार करने पहुंची पुलिस तो भाग घर से ! जानिए पूरा मामला

मुंबई। फिल्मकार राम गोपाल वर्मा की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। उन पर आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू, उनके परिवार के सदस्यों और उप मुख्यमंत्री पवन कल्याण के खिलाफ सोशल मीडिया पर अपमानजनक पोस्ट करने के आरोप हैं। फिल्मकार 25 नवम्बर (सोमवार) को पुलिस के सामने अपना बयान दर्ज कराने के लिए पेश नहीं हुए, जिसके बाद पुलिस हैदराबाद में उनके घर पर पहुंच गई।

घर पर नहीं मिले राम गोपाल वर्मा
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक राम गोपाल वर्मा को गिरफ्तारी का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि, जब पुलिस उनके घर पर पहुंची तो वह वहां नहीं मिले। रिपोर्ट्स के मुताबिक यह दूसरा मौका है जब फिल्मकार ने जांच अधिकारी के सामने पेश होने से इनकार किया है।
क्या है मामला?
मड्डीपाडु पुलिस ने 11 नवम्बर को राम गोपाल वर्मा के खिलाफ बीएनएस एक्ट की कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था, जिसमें धारा 336 (4), 353 (2) और आईटी एक्ट की धारा 67 शामिल है। यह मामला उस समय दर्ज हुआ था जब स्थानीय तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) के नेता रामलिंगम ने राम गोपाल वर्मा के खिलाफ शिकायत की थी। इस शिकायत में आरोप लगाया गया था कि उन्होंने अपनी फिल्म व्यूहम के प्रचार के दौरान मुख्यमंत्री नायडू, उप मुख्यमंत्री कल्याण, आईटी मंत्री नारा लोकेश और अन्य की प्रतिष्ठा को कथित तौर पर नुकसान पहुंचाया।

राम गोपाल वर्मा के वकील ने पुलिस से की ये मांग
वहीं, रविवार, 24 नवम्बर को राम गोपाल वर्मा के वकील ने मड्डीपाडु पुलिस को पत्र लिखकर बताया था कि फिल्मकार उपलब्ध नहीं हैं। इसके साथ ही उन्होंने पुलिस से दो सप्ताह का समय देने की मांग भी की थी। पत्र में यह भी अनुरोध किया गया था कि उन्हें डिजिटल रूप से उपस्थित होने का विकल्प दिया जाए और इसके लिए कम से कम सात दिन पहले सूचना दी जाए।

पत्र में राम गोपाल वर्मा ने किया आरोपों से इनकार
पत्र में कहा गया, “मेरे मुवक्किल के काम करने के संवैधानिक अधिकार को अनावश्यक रूप से तनाव में डालने की आवश्यकता नहीं है, इसलिए वह दो सप्ताह का अतिरिक्त समय मांग रहे हैं। साथ ही, मेरे क्लाइंट का अनुरोध है कि उन्हें कम से कम सात दिन पहले वर्चुअल उपस्थिति की तारीख की जानकारी दी जाए।” इस पत्र में यह भी उल्लेख किया गया कि राम गोपाल वर्मा ने किसी को भी अपमानित करने के आरोपों से इनकार किया है।
पत्र में कहा गया, “मेरे मुवक्किल ने एफआईआर को पढ़ने के बाद यह बताया कि उन्हें शिकायतकर्ता की ओर से लगाए गए आरोपों का कोई ज्ञान नहीं है, जो स्पष्ट रूप से किसी तरह के छिपे हुए उद्देश्य से किए गए प्रतीत होते हैं और इसलिए वह प्रत्येक आरोप का पूरी तरह से इनकार करते हैं।” फिल्मकार को 13 नवम्बर को भी एक कानूनी नोटिस भेजा गया था, जिसमें उन्हें मामले में पुलिस के सामने पेश होने का निर्देश दिया गया था।