नेपाल सरकार पर उन परिवारों का लगातार दबाव है कि रूसी सेना में भर्ती हुए नागरिकों को स्वदेश वापस लाया जाए। इस मांग पर नेपाल और रूस के बीच कई बार कूटनीतिक बातचीत भी हुई लेकिन अब तक कोई सफलता नहीं मिल पाई है। नेपाल सरकार में विदेश मंत्रालय संभालने वाले नारायणकाजी श्रेष्ठ ने गुरुवार को नेपाल में रूसी राजदूत को तलब कर इस बारे में जानकारी ली। रूसी राजदूत के जवाब के बाद विदेश मंत्री ने बयान दिया कि रूसी सेना से नेपाली नागरिकों की वापसी काफी पेचीदा मामला है और यह लगभग असंभव है। हालांकि, विदेश मंत्री नारायणकाजी श्रेष्ठ ने यह जरूर कहा कि सरकार का प्रयास जारी रहेगा।
मास्को की तरफ से नेपाली दूतावास को जवाब दिया गया है कि रूसी सेना में भर्ती हुए नेपाली नागरिकों ने अपनी लिखित सहमति देते हुए समझौते पर हस्ताक्षर किया है। इसलिए स्थिति सामान्य नहीं होने तक इन सैनिकों को वापस नहीं किया जा सकता है। नेपाल सरकार की तरफ से बार-बार रूस को उस समझौते को रद्द कर नेपाली नागरिकों की वापसी का आग्रह भी किया गया लेकिन रूस सरकार ने उसे मानने से साफ इंकार कर दिया है।
इसी बीच, रूसी सेना में कार्यरत तीन नेपाली नागरिकों का एक वीडियो संदेश सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है, जिसमें इन सैनिकों की तरफ से भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मदद की अपील की गई है। इस वीडियो के आने के बाद नेपाल सरकार पर और अधिक दबाब बन गया है। (हि.स.)