नई दिल्ली, 14 जुलाई (एजेंसी)। दिल्ली हाई कोर्ट ने 17 जुलाई को होने वाली नीट-यूजी की परीक्षा को स्थगित करने की मांग करने वाली याचिका खारिज कर दी है। जस्टिस संजीव नरुला की बेंच ने कहा कि 15 छात्र परीक्षा की तिथि पुनर्निर्धारित करने की मांग कैसे कर सकते हैं।
कोर्ट ने कहा कि यह पूरी तरह से एक गलत याचिका है। कोर्ट इसलिए कठोर नहीं हो रही है, क्योंकि याचिकाकर्ता छात्र हैं। कोई और होता तो इसे जुर्माने के साथ खारिज किया जाता। सुनवाई के दौरान छात्रों की ओर से पेश वकील ने जब कहा कि सीयूईटी, जेईईटी और एनईईटी जैसी प्रमुख परीक्षाओं के बीच केवल एक छोटा अंतर था और यह छात्रों को अत्यधिक दबाव में डाल रहा है। तब कोर्ट ने कहा कि परीक्षा के दबाव को केवल सेल्फ स्टडी से ही कम किया जा सकता है, न कि आप जिस तरह से कर रहे हैं उससे। मैं छात्रों को शुभकामनाएं देता हूं।
सुनवाई के दौरान जब छात्रों की ओर से कहा गया कि परीक्षा के दबाव की वजह से 17 छात्रों ने खुदकुशी की है। तो कोर्ट ने कहा कि ये अस्पष्ट बयान है। आप कैसे कह सकते हैं कि छात्रों ने परीक्षा के कारण खुदकुशी की है। मैं अखबारों की खबरों पर नहीं जाऊंगा। कोर्ट ने कहा कि आपको यह पता लगाना होगा कि कौन सा याचिकाकर्ता कौन सी परीक्षा दे रहा है और उसे कहां से आना है। तब छात्रों के वकील ने कहा कि याचिकाकर्ताओं ने विवरण नहीं दिया है, क्योंकि वे डरते हैं कि अधिकारी उनके खिलाफ प्रतिकूल कार्रवाई करेंगे। तब कोर्ट ने कहा कि किसी भी छात्र को डरना नहीं चाहिए। कोर्ट उनकी मदद के लिए है। वे एक वकील के जरिये कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकते हैं।
सुनवाई के दौरान नेशनल टेस्टिंग एजेंसी के वकील ने कहा कि 90 फीसदी से ज्यादा छात्रों ने एडमिट कार्ड डाउनलोड कर लिए हैं। उन्होंने कहा कि परीक्षा आयोजित करने में देरी का प्रभाव भविष्य के शैक्षणिक सत्रों पर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि 2020 और 2021 में भी इसी तरह की मांगे उठाई गई थीं, जिसे अदालतों ने मानने से इनकार कर दिया था।
याचिका में कहा गया था कि नीट-यूजी की परीक्षा सीयूईटी की परीक्षा से टकरा रही है। सीयूईटी की परीक्षा 15 जुलाई से शुरू हो रही है। याचिका में कहा गया था कि नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने अपने आधिकारिक नोटिस में कहा था कि सीयूईटी की परीक्षा का शेड्यूल तैयार करते समय नीट-यूजी का ध्यान रखा जाएगा, लेकिन नीट-यूजी की परीक्षा 17 जुलाई को हो रही है।