
मुंबई। महाराष्ट्र के मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के नेता नितेश राणे ने शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे पर तंज कसा है। उन्होंने सवाल किया कि क्या उद्धव ने महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे के उस बयान पर प्रतिक्रिया देने से पहले पत्नी रश्मि ठाकरे से सलाह ली थी, जिससे दोनों चचेरे भाइयों के बीच सुलह की अटकलें तेज हो गई हैं। पिछले कुछ दिन में राज और उद्धव ने संभावित सुलह की अटकलों को हवा दी है। ऐसे बयान दिए गए हैं जिनसे संकेत मिलता है कि वे हाथ मिला सकते हैं। इसे लेकर कहा गया कि मामूली मुद्दों को नजरअंदाज करके महाराष्ट्र और मराठी मानुष के हित में ऐसा होगा।
नितेश राणे ने एक हिंदी समाचार चैनल से बातचीत में कहा, ‘आपको उद्धव ठाकरे से पूछना चाहिए कि क्या उन्होंने मनसे के साथ हाथ मिलाने से पहले रश्मि ठाकरे की अनुमति ली है। ऐसे फैसलों में उनकी राय अधिक मायने रखती है।’ मंत्री ने आरोप लगाया कि यह रश्मि ठाकरे ने ही राज ठाकरे को शिवसेना से बाहर निकालने में मुख्य भूमिका निभाई थी, जबकि उस समय दोनों चचेरे भाइयों के बीच कोई बड़ा मतभेद नहीं था। शिवसेना (यूबीटी) और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के एक साथ आने की संभावना पर राणे से सवाल किया गया। इस पर उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में भाजपा के नेतृत्व वाली महायुति ने जोरदार जीत हासिल की है। इसलिए हम उनके बीच किसी गठबंधन को लेकर चिंतित नहीं हैं।
राज-उद्धव ठाकरे के साथ आने पर क्या बोले संजय राउत
वहीं, शिवसेना (यूबीटी) के सांसद संजय राउत ने रविवार को कहा कि उनकी पार्टी और मनसे के बीच गठबंधन की कोई घोषणा नहीं हुई है, लेकिन उन्होंने दावा किया कि दोनों के बीच भावनात्मक बातचीत जारी है। राउत ने कहा कि उद्धव ठाकरे ने मनसे के अध्यक्ष और अपने चचेरे भाई राज ठाकरे के साथ सुलह के लिए कोई पूर्व शर्त नहीं रखी है। राउत ने कहा, ‘गठबंधन की कोई घोषणा नहीं हुई है। फिलहाल भावनात्मक बातचीत जारी है।’ राज्यसभा सदस्य ने कहा कि वे (राज और उद्धव) पारिवारिक कार्यक्रमों में मिलते हैं। वे भाई हैं। दरअसल, राज ठाकरे ने फिल्म निर्माता महेश मांजरेकर को दिए इंटरव्यू में कहा कि उन्हें अविभाजित शिवसेना में उद्धव के साथ काम करने में कोई समस्या नहीं थी। इस बयान के बाद दोनों के बीच सुलह की अटकलें शुरू हुईं। यह साक्षात्कार हफ्तों पहले रिकॉर्ड किया गया था और शनिवार को प्रसारित किया गया।