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देश में रबी सीजन की जरूरतों को पूरा करने के लिए उर्वरकों की उपलब्धता पर्याप्त

नई दिल्ली। केन्द्र सरकार ने कहा कि देश में उर्वरकों की कोई कमी नहीं है। रबी सीजन की जरूरतों को पूरा करने के लिए यूरिया, डीएपी, एमओपी, एनपीकेएस और एसएसपी उर्वरकों की पर्याप्त उपलब्धता हैं।

रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय ने शुक्रवार को एक विज्ञप्ति जारी कर कहा कि मीडिया की कुछ खबरों में तमिलनाडु के त्रिची और राजस्थान में उर्वरकों की कमी का दावा किया गया है। ऐसी खबरें तथ्यहीन हैं। यह स्पष्ट किया जाता है कि देश में रबी सीजन 2022-23 की जरूरतों को पूरा करने के लिए उर्वरकों की पर्याप्त उपलब्धता है। भारत सरकार सभी राज्यों को जरूरत के अनुरूप उर्वरक भेज रही है। इसके बाद संबंधित राज्य सरकारों की यह जिम्मेदारी है कि वे अपने राज्य में जिले के भीतर और अंतर- जिला वितरण के माध्यम से उर्वरक की उपलब्धता सुनिश्चित करें।

देश में उर्वरकों की उपलब्धता के आंकड़े निम्नलिखित हैं

यूरिया:

रबी सीजन 2022-23 के दौरान पूरे भारत में यूरिया की अनुमानित जरूरत 180.18 लाख मीट्रिक टन (एलएमटी) है। 16.11.2022 तक इसकी अनुपातिक जरूरत 57.40 लाख मीट्रिक टन की है। इसके लिए उर्वरक विभाग (डीओएफ) ने 92.54 लाख मीट्रिक टन की उपलब्धता सुनिश्चित की है। इस दौरान यूरिया की बिक्री 38.43 लाख मीट्रिक टन हुई है। इसके अलावा राज्यों के पास 54.11 लाख मीट्रिक टन का क्लोजिंग स्टॉक (पहले से उपलब्ध) है। इसके अलावा यूरिया संयंत्रों में 1.05 लाख मीट्रिक टन और पत्तनों पर 5.03 लाख मीट्रिक टन का स्टॉक उपलब्ध है, जिससे यूरिया की मांग को पूरा किया जा सके।

डीएपी:

रबी सीजन 2022-23 के दौरान पूरे देश में डीएपी की अनुमानित जरूरत 55.38 लाख मीट्रिक टन की है। 16.11.2022 तक इसकी अनुमानिक आवश्यकता 26.98 लाख मीट्रिक टन है। इसके लिए उर्वरक विभाग ने 36.90 लाख मीट्रिक टन की उपलब्धता सुनिश्चित की है। इस दौरान डीएपी की बिक्री 24.57 लाख मीट्रिक टन हुई है। इसके अलावा राज्यों के पास इसका 12.33 लाख मीट्रिक टन क्लोजिंग स्टॉक है। इसके अलावा डीएपी की मांग को पूरा करने के लिए डीएपी संयंत्रों में 0.51 लाख मीट्रिक टन और पत्तनों पर 4.51 लाख मीट्रिक टन का स्टॉक उपलब्ध है।

एमओपी:

रबी सीजन 2022-23 के दौरान पूरे देश में एमओपी (म्यूरेट ऑफ पोटाश या पोटैशियम क्लोराइड) की अनुमानित जरूरत 14.35 लाख मीट्रिक टन है। 16.11.2022 तक इसकी अनुमानित आवश्यकता 5.28 लाख मीट्रिक टन की है। इसके लिए उर्वरक विभाग ने 8.04 लाख मीट्रिक टन की उपलब्धता सुनिश्चित की है। इसके अलावा राज्यों के पास इसका 5.03 लाख मीट्रिक टन का क्लोजिंग स्टॉक है। इसके अलावा पत्तनों पर 1.17 लाख मीट्रिक टन का स्टॉक उपलब्ध है, जिससे एमओपी की मांग को पूरा किया जा सके।

एनपीकेएस:

रबी सीजन 2022-23 के दौरान पूरे देश में एनपीकेएस की अनुमानित जरूरत 56.97 लाख मीट्रिक टन है। 16.11.2022 तक इसकी अनुमानित आवश्यकता 20.12 लाख मीट्रिक टन की है। इसके लिए उर्वरक विभाग ने 40.76 लाख मीट्रिक टन की उपलब्धता सुनिश्चित की है। इस दौरान एनपीकेएस की बिक्री 15.99 लाख मीट्रिक टन हुई है। राज्यों के पास इसका 24.77 लाख मीट्रिक टन का क्लोजिंग स्टॉक है। इसके अलावा एनपीकेएस की मांग को पूरा करने के लिए संयंत्रों में 1.24 लाख मीट्रिक टन और पत्तनों पर 2.93 लाख मीट्रिक टन का स्टॉक उपलब्ध है।

एसएसपी:

रबी सीजन 2022-23 के दौरान पूरे देश में एसएसपी की अनुमानित जरूरत 33.64 लाख मीट्रिक टन है। 16.11.2022 तक इसकी अनुमानित आवश्यकता 14.05 लाख मीट्रिक टन की है। इसके लिए उर्वरक विभाग ने 24.79 लाख मीट्रिक टन की उपलब्धता सुनिश्चित की है। इस अवधि के दौरान एसएसपी की बिक्री 9.25 लाख मीट्रिक टन हुई है। राज्यों के पास इसका 15.54 लाख मीट्रिक टन का क्लोजिंग स्टॉक है। इसके अलावा संयंत्रों में 1.65 लाख मीट्रिक टन का स्टॉक उपलब्ध है, जिससे एसएसपी की मांग को पूरा किया जा सके।

इस तरह देश में रबी सीजन 2022-23 की जरूरतों को पूरा करने के लिए यूरिया, डीएपी, एमओपी, एनपीकेएस और एसएसपी उर्वरकों की उपलब्धता पर्याप्त है।