नई दिल्ली, 16 जुलाई (एजेंसी)। भारत में मंकीपॉक्स के पहले मामले की पुष्टि होने के साथ विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने भी इस क्षेत्र में इसके प्रसार को रोकने के लिए 21 जुलाई को आपात बैठक बुलाई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक साल की शुरुआत से अब तक 60 देशों में मंकीपॉक्स के 6 हजार से अधिक मामले सामने आए हैं और तीन मौतें हुई है।
डब्ल्यूएचओ ने मंकीपॉक्स के फैलाव को लेकर 23 जून को आपातकालीन समिति की एक बैठक बुलाई, जिसमें इस बीमारी के बारे में विशेषज्ञों की सलाह लेने के लिए कहा गया था। समिति ने वायरस के संक्रमण के प्रसार को रोकने की सिफारिश की। इस मामले में अब आपात समिति की अगली बैठक 21 जुलाई को बुलाई गई है।
भारत में मंकीपॉक्स का मामला सामने आने पर शुक्रवार को विश्व स्वास्थ्य संगठन की दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र की निदेशक डॉ. पूनम खेत्रपाल सिंह ने कहा कि मंकीपॉक्स के प्रसार को रोकने के लिए क्षेत्र में सतर्कता बरती जा रही है। इसके प्रसार को रोकने और इससे निपटने के लिए उचित उपाय किए जा रहे हैं। केरल में एक 35 वर्षीय व्यक्ति में मंकीपॉक्स संक्रमण की पुष्टि हुई है। उन्होंने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन इस क्षेत्र के सदस्य देशों को मंकीपॉक्स के जोखिम का आकलन करने में सहयोग कर रहा है।
डॉ. पूनम ने कहा कि मंकीपॉक्स के प्रसार को रोकने के लिए सामूहिक प्रयास और समन्वित कार्रवाई की आवश्यकता है। सार्वजनिक स्वास्थ्य केन्द्रों की सुविधाओं को दुरुस्त करना और जोखिम वाली आबादी के लिए स्वास्थ्य उपकरण सुनिश्चित करना शामिल है।
मंकीपॉक्स के लिए क्षेत्र में सीमित परीक्षण क्षमताओं को देखते हुए डब्ल्यूएचओ ने रेफरल के रूप में काम करने के लिए चार प्रयोगशालाओं के साथ समन्वय किया है जिसमें नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (भारत), विक्टोरियन संक्रामक रोग संदर्भ प्रयोगशाला( ऑस्ट्रेलिया) राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान, चिकित्सा विज्ञान विभाग( थाईलैंड) और चिकित्सा संकाय चुलालोंगकोर्न विश्वविद्यालय (थाईलैंड) शामिल है।