
नई दिल्ली । अमेरिका और चीन के बीच जारी टैरिफ वॉर की वजह से ग्लोबल ट्रेड के भी प्रभावित होने के आशंका बन गई है। विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) ने आशंका जताई है कि इस टैरिफ वॉर के कारण इस साल ग्लोबल ट्रेड के वॉल्यूम में 0.20 प्रतिशत तक की गिरावट आ सकती है। इसमें गुड्स ट्रेडिंग पर सबसे ज्यादा असर पड़ सकता है, जबकि सर्विस ट्रेडिंग पर टैरिफ वॉर का प्रत्यक्ष असर ज्यादा नजर नहीं आएगा।
विश्व व्यापार संगठन की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि अमेरिका और चीन टैरिफ को लेकर जिस तरह से एक दूसरे पर हमलावर हुए हैं, उससे गुड्स सेक्टर की ट्रेडिंग में ग्लोबल लेवल पर तेज गिरावट आ सकती है। इस कारण ग्लोबल मार्केट में गुड्स ट्रेडिंग 1.20 प्रतिशत तक फिसल सकती है। इसी तरह डब्ल्यूटीओ ने कॉमर्शियल सर्विसेज ट्रेडिंग के ग्लोबल वॉल्यूम में ग्रोथ रेट के अनुमान को घटा कर 4 प्रतिशत कर दिया है। रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि सर्विसेज की ट्रेडिंग में टैरिफ वॉर का प्रत्यक्ष असर नहीं होगा। इसके बावजूद इस वजह से वैश्विक कारोबार में बने तनाव के कारण सर्विसेज की ट्रेडिंग भी परोक्ष रूप से प्रभावित होगी।
बताया जा रहा है कि टैरिफ वॉर को लेकर ग्लोबल मार्केट में बनी अनिश्चितता से ट्रेडर्स के बीच असमंजस की स्थिति बन गई है। हालांकि, चीन के अलावा दूसरे देशों पर अमेरिका ने रेसिप्रोकल टैरिफ को 3 महीने के लिए टाल दिया है, लेकिन इस अवधि के बाद क्या होगा, इसको लेकर कारोबारी जगत में चिंता बनी हुई है। डब्ल्यूटीओ की रिपोर्ट में कहा गया है कि टैरिफ वॉर के कारण बनी अनिश्चितता से ग्लोबल ट्रेड के वॉल्यूम पर तो असर पड़ेगा ही, ग्लोबल ट्रेड का ग्रोथ भी प्रभावित होगा। इसी वजह से रिपोर्ट में कहा गया है कि ग्लोबल ट्रेड के ग्रोथ का अनुमान भी करीब 1.5 प्रतिशत की गिरावट के साथ 3.5 प्रतिशत के स्तर तक आ सकता है। इसके पहले विश्व व्यापार संगठन ने 2025 में ग्लोबल ट्रेड में 5 प्रतिशत ग्रोथ का अनुमान लगाया था। (हि.स.)