Thursday, November 21"खबर जो असर करे"

टेंट सिटी मिना में हाजियों के आने का सिलसिला जारी

मक्का। मक्का में दुनिया भर से आए हज तीर्थयात्री मिना के लिए प्रस्थान कर रहे हैं। गुरुवार 7 ज़िलहिज्जा (महीने का नाम) की आधी रात के बाद तीर्थयात्रियों का कारवां धीरे-धीरे मिना के अस्थाई टेंट सिटी की ओर कूच करने की प्रक्रिया शुरू हो गई जो कि शुक्रवार 8 ज़िलहिज्जा की तारीख तक जारी रहेगा। इसी के साथ हज 1445 हिजरी के अनुष्ठानों को अदा करने की अधिकारिक तौर पर शुरुआत हो जाएगी।

मक्का के विभिन्न क्षेत्रों में ठहरे दुनिया भर के तीर्थ यात्रियों को हज सेवाएं प्रदान करने वाले संगठनों द्वारा शेड्यूल जारी कर दिए गए हैं ताकि उसके अनुसार हज तीर्थ यात्री ऐहराम (बिना सिलाइ वाला विशेष कपड़ा) बांध कर हज की अदायगी के लिए तैयार हो जाएं। मोअल्लेमीन द्वारा तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए विभिन्न भाषाओं के अनुवादक भी उपलब्ध कराए गए हैं ताकि वह समय से और ठीक ढंग से ऐहराम पहन सकें और हज करने के लिए निकल सकें।

इसके साथ ही हज की विशाल सभा को सफल बनाने के लिए सऊदी अरब की सरकार की ओर से बहुत चाक-चौबंद और व्यापक प्रबंध किए गए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय, नागरिक सुरक्षा, नगर पालिका, दूरसंचार, मौसम विभाग और हज ऑपरेशन में अन्य सेवा प्रदाताओं की टीमें मिना शहर के अस्थायी शिविरों में मौजूद हैं। देश के विभिन्न शहरों से आने वाले सऊदी स्काउट्स भी मिना में अस्थायी शिविरों तक पहुंच गए हैं, जबकि वाणिज्य मंत्रालय द्वारा अवैध तीर्थयात्रियों को रोकने के लिए जांच दल भी तैनात किए गए हैं। मिना घाटी के सभी प्रवेश द्वारों पर अधिकारियों को तैनात किया गया है और प्रत्येक हज परमिट को जांच के बाद उन्हें मिना में प्रवेश करने की अनुमति दी जा रही है। बस सेवा उन तीर्थयात्रियों के समूहों के लिए आरक्षित है जिन्हें ट्रेन सुविधाएं प्रदान नहीं की जाती हैं।

उल्लेखनीय है कि आज से हज के मनासिक (अनुष्ठान) को अदा करने का सिलसिला शुरू हो जाएगा। दुनिया भर से आए तीर्थयात्री मक्का में काबा का तवाफ (चक्कर) लगाने के बाद मिना पहुंचते हैं। शनिवार को सभी हाजी अराफात के मैदान में जमा होंगे। यहां पर हाजी शाम तक दिन ढलने से पहले तक रो-रो कर गिड़गिड़ा कर अल्लाह से अपने गुनाओं की माफी मांगते हैं। साथ ही अपने लिए, घर वालों, करीबियों के लिए भी मगफिरत की दुआ करते हैं। अराफात के मैदान के बारे में यह रिवायत है कि यही वह जगह है जहां जन्नत से निकाल कर दुनिया में भेजे गए पहले इंसान और पहले पैगंबर आदम और मां हव्वा की मुलाकात हुई और इसी जगह पर अल्लाह ने उनकी माफी की दुआ कबूल की। (हि.स.)