जी-20 सम्मेलन के अंतिम दिन इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जी-20 के नेतृत्व की कमान सौंपी। भारत एक दिसंबर से आधिकारिक रूप से जी-20 समूह का मुखिया हो जाएगा। प्रधानमंत्री मोदी ने जी-20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने आए नेताओं को भारतीय पहचान के अलग-अलग तोहफे दिये। इन सभी नेताओं को उन्होंने अगले वर्ष भारत में होने वाले जी-20 शिखर सम्मेलन में आने का न्योता भी दिया। जी-20 समूह के निवर्तमान अध्यक्ष इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो को मोदी ने सूरत में बना चांदी का कटोरा और हिमाचल प्रदेश का किन्नौरी शॉल उपहार में दिया।
प्रधानमंत्री मोदी ने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक को ‘माता नी पछेड़ी’ का तोहफा दिया। यह गुजरात का एक हस्तनिर्मित कपड़ा है और मंदिर के मंदिरों में चढ़ाया जाता है, जिसमें देवी मां रहती हैं। यह नाम गुजराती है, जिसमें ‘माता’ का अर्थ है ‘मां देवी’, ‘नी’ का अर्थ है ‘से संबंधित’ और ‘पछेड़ी’ का अर्थ है ‘पृष्ठभूमि’।
प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन को कांगड़ा की लघु पेंटिंग उपहार में दी। कांगड़ा लघु चित्रों में प्राकृतिक पृष्ठभूमि पर प्रेम का चित्रण किया जाता है। ये अति सुंदर पेंटिंग हिमाचल प्रदेश के चित्रकारों द्वारा प्राकृतिक रंगों का उपयोग करके बनाई गई हैं।
ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज को भारतीय प्रधानमंत्री ने ‘पिथौरा’ भेंट किया। ‘पिथौरा’ निर्माण गुजरात में छोटा उदयपुर के राठवा कारीगरों द्वारा एक अनुष्ठानिक जनजातीय लोक कला है। ये चित्र ऑस्ट्रेलिया के स्वदेशी समुदायों द्वारा बनाई जाने वाली एबोरिजिनल डॉट पेंटिंग की तरह लगते हैं।
इटली की प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी को मोदी ने ‘पाटन पटोला दुपट्टा’ (स्कार्फ) उपहार में दिया। उत्तरी गुजरात के पाटन क्षेत्र में साल्वी परिवार द्वारा बुना गया (डबल इकत) पाटन पटोला कपड़ा इतनी अच्छी तरह से तैयार किया जाता है कि यह रंगों का त्योहार बन जाता है, जिसमें आगे और पीछे रंग अलग-अलग नहीं होते हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्पेन के प्रधानमंत्री पेड्रो सांचेज को मंडी और कुल्लू का कनाल ब्रास सेट उपहार में दिया। इन पारंपरिक संगीत वाद्ययंत्रों का अब तेजी से सजावट की वस्तुओं के रूप में उपयोग किया जाता है। इनका निर्माण कुशल धातु शिल्पकारों द्वारा हिमाचल प्रदेश के मंडी और कुल्लू जिले में किया जाता है। (हि.स.)