मुरैना। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सरसंघ चालक मोहन भागवत ने अंचल के संतजन से विभिन्न मुद्दों पर की गई चर्चा के दौरान यह निष्कर्ष निकला कि भारतीय सनातन संस्कृति को वैश्विक संस्कृति बनाया जाये। इससे भारत विश्व गुरू के स्थान पर पहुंच जायेगा। लेकिन हिन्दू समाज जब तक विभिन्न जाति एवं वर्गों में बंटा रहेगा तब तक देश शक्तिशाली नहीं बनेगा। संघ प्रमुख ने कहा कि संत कभी सुप्त नहीं होते, बल्कि समय समय पर प्रकट होकर समाज का मार्गदर्शन करते हैं। मुरैना में आयोजित संघ के मध्य भारत प्रांत सम्मेलन में शामिल होने के लिये सरसंघ चालक मोहन भागवत आये हुये हैं। इस सम्मेलन में तीन दिवसीय प्रवास पर रहेंगे। अपने प्रवास के पहले दिवस ही अंचल के संतजन से राष्ट्र, धर्म, समाज, जाति पर गंभीर चर्चा की। चम्बल संभाग के प्रसिद्ध संत मुरैना के जरेरूआ सरकार हरिदास महाराज, करह आश्रम के महंत दीनबंधु महाराज, महाशुख का पुरा अम्बाह के प्रसिद्ध संत ऋषिजी महाराज, भिण्ड दंदरौआ धाम के महंत रामदास जी महाराज, पीताम्बरा पीठ दतिया के मुख्य महंत विष्णुकांत जी मुडिया इस चर्चा में शामिल हुये। सरसंघ चालक ने सभी संतजन का शॉल-श्रीफल से सम्मान किया। इस दौरान मोहन भागवत ने समाज को साथ लेकर विश्व गुरु बनाने की ओर आगे बढ़ने पर बल दिया । आज के वर्तमान समय में संघ समाज में सद्भाव और स्नेह के साथ मिलकर काम करने देश को सनातन संस्कृति को आगे रखते हुए दुनिया में आगे ले जाने वाले हैं। सभी संतों ने कार्यक्रम स्थल पर बने हुए सभी नगर और प्रदर्शनी का भ्रमण कर अवलोकन किया संघ के विभिन्न अधिकारी उपस्थित रहे। संघ प्रमुख मोहन भागवत ने शॉल और श्रीफल भेंट कर सभी संतों का सम्मान किया इस दौरान उनके साथ क्षेत्र संघचालक, प्रांत संघचालक, प्रांत संपर्क प्रमुख उपस्थित रहे।