नई दिल्ली। मेंटल हेल्थ (Mental Health) पर ध्यान न देने की वजह से लोग कई प्रकार की परेशानियों से जूझ रहे हैं. इसके चलते उनके व्यवहार में बदलाव आता जा रहा है. इन परेशानियों की वजह से लोगों को जीवन कठिन होता जा रहा है. कई लोग अपने जीवन में चिंता, मानसिक तनाव, डर, घबराहट, डिप्रेशन को महसूस करते है. इससे उनको कई परेशानियां भी होती है. डॉक्टरों का कहना है कि कई लोग किसी न किसी कारण से काफी डिप्रेशन (Depression) में रहते हैं, लेकिन वह स्वीकार ही नहीं करते हैं कि उनको ऐसी कोई समस्या है. इस परेशानियों की वजह से उनका व्यवहार बदलता भी रहता है. इन परेशानियों की वजह से जीवन भी कठिन होने लगता है. इस स्थिति को नर्वस ब्रेकडाउन(Nervous breakdown) कहा जाता है.
क्या होता है मेंटल हेल्थ ब्रेकडाउन
मेंटल ब्रेकडाउन एक ऐसी अवस्था है, जिसमें इंसान मानसिक रूप से पूरी तरह टूट जाता है. ऐसा व्यक्ति बिल्कुल भी स्ट्रेस नहीं झेल पाता और उसे बहुत ज्यादा एंग्जाइटी महसूस होने लगती है. ऐसी अवस्था में व्यक्ति की ऊर्जी भी कम हो जाती है और उसे घबराहट होने लगती है. ऐसा इंसान इमोशनली भी काफी कमजोर पड़ जाता है और लोगों से दूरी बना लेता है.
वरिष्ठ मानसिक रोग विशेषज्ञ डॉ. राजकुमार बताते हैं कि भविष्य का डर, किसी बीमारी की चिंता, परिवार में कोई लड़ाई, नौकरी जाने का डर या किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित होने पर व्यक्ति मानसिक तनाव और डिप्रेशन में आ जाता है. वह लंबे समय तक इससे पीड़ित रहता है. इस कारण नर्वस ब्रेकडाउन की स्थिति आती है. इसके कई लक्षण होते हैं. इससे जूझ रहा व्यक्ति हमेशा खुद को अकेला समझता है. उसके मन में खुदकुशी के ख्याल आते हैं. वह हमेशा चिड़चिड़ा रहता है, नींद कम आने और भूख कम लगने की शिकायत भी बनी रहती है. ऐसे व्यक्ति को कभी भी पैनिट अटैक आ जाता है. कई बार सिर में तेज दर्द और सिर चकराने की परेशानी भी हो जाती है.
इन बातों पर करें गौर
डॉ. बताते हैं कि हम खुदपर, अपने परिवार, दोस्तों या अन्य लोगों के व्यवहार पर नजर रखकर नर्वस ब्रेकडाउन का पता कर सकते हैं. अगर हम किसी बात से चिंता में हैं और यह हमेशा बनी हुई है और इसके कारण व्यवहार में बदलाव आ रहा है तो ये नर्वस ब्रेकडाउन का लक्षण है. अगर यही समस्या आपके किसी दोस्त या अन्य साथी के साथ है तो वह भी इस परेशानी से जूझ रहे हैं. इसलिए यह जरूरी है कि आप अपने व्यवहार में हो रहे बदलावों पर नजर रखें. अगर यह लग रहा है कि हम लोगों से दूरिया बना रहें है और काम में मन लगना बंद हो गया है तो इस स्थिति में मनोरोग विशेषज्ञ डॉक्टरों की सलाह लेना जरूरी है.
धीरे-धीरे बढ़ती है ये परेशानी
डॉ. राजकुमार का कहना है कि कोई भी मानसिक परेशानी एकदम नहीं होती है. इसे होने में कुछ महीने और सालभर तक का भी समय लग जाता है. कई लोग तो ऐसे भी होते हैं जो कई सालों से डिप्रेशन में होते हैं, लेकिन उनके इसका पता भी नहीं चलता है और अगर कोई दूसरा उनसे इस बात पर चर्चा करता है तो वह ये मानते ही नहीं है कि उन्हें ऐसी कोई परेशानी है. इसलिए यह जरूरी है कि हम अपने व्यवहार में आ रहे बदलावों पर नजर रखें.
ये है समाधान
रोजाना एक्सरसाइज करें
सोने और जागने का समय निर्धारित करें
योगा और प्राणायाम का सहारा लें
नर्वस ब्रेकडाउन के लक्षण दिखने पर डॉक्टरों से संपर्क करें
फोन और लैपटॉप को जरूरत के हिसाब से ही इस्तेमाल में लें